आज कहीं खून का एक कतरा नहीं बहा
ना ही कहीं किसी मासूम की मौत हुई
आज कहीं कोई भूख से बिलखता नहीं दिखा
ना ही कहीं किसी लड़की की इज्जत लूटी गयी
आज कहीं किसी माँ का दिल नहीं दुखा
ना ही किसी पिता की नज़रें शर्मसार हुईं
आज हर कोई अच्छा इंसान बन गया
आज किसी ने किसी की बुराई नहीं की
आज नेताओं ने भी देश का सम्मान किया
कहीं भी गन्दी राजनीति नहीं हुई
आज सीमा पर कोई सैनिक शहीद नहीं हुआ
और दुश्मन देशों के बीच खिंचीं लकीरें मिट गयी
आज निष्कलंक रही धरती की धुंधली सुबह
आज कहीं कोई काली रात नहीं हुई
आज यही सुहावना सपना मैंने फिर देखा
और मेरे आँखों से नमी बस बहती चली गयी
ना ही कहीं किसी मासूम की मौत हुई
आज कहीं कोई भूख से बिलखता नहीं दिखा
ना ही कहीं किसी लड़की की इज्जत लूटी गयी
आज कहीं किसी माँ का दिल नहीं दुखा
ना ही किसी पिता की नज़रें शर्मसार हुईं
आज हर कोई अच्छा इंसान बन गया
आज किसी ने किसी की बुराई नहीं की
आज नेताओं ने भी देश का सम्मान किया
कहीं भी गन्दी राजनीति नहीं हुई
आज सीमा पर कोई सैनिक शहीद नहीं हुआ
और दुश्मन देशों के बीच खिंचीं लकीरें मिट गयी
आज निष्कलंक रही धरती की धुंधली सुबह
आज कहीं कोई काली रात नहीं हुई
आज यही सुहावना सपना मैंने फिर देखा
और मेरे आँखों से नमी बस बहती चली गयी
-Snehil Srivastava
Picture credit: www.headlinebox.com
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© Snehil Srivastava
Very nice
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