जब जब धरा से कुहांसा छटा है
बीता परिदृष्य विचलित हुआ है
जो मोहभंग करते, वो अजब थे मदारी
डमरू की धुन पर उनका ही नृत्य हुआ है
जब जब धरा से...
भर गया लगता, है वो घाव सुनहला
जिनपर कभी, ना कोई आंसू बहा है
देखी हैं मैंने कई विकट रातें
बाद जिनके सदा सवेरा ही हुआ है
जब जब धरा से...
वितीर्ण होता हृदय कराहकर बोला-
किसने किया ये जो भी किया है
मौन थे सारे इस प्रश्न को सुनकर
ग्लानि से सभी का शीष झुका है
जब जब धरा से...
अश्रु भी हैं सूखे, ना कोई बोल फूटे
चक्षुओं के रस्ते एक कथा का जन्म हुआ है
चीत्कार करती गुड़िया हमारी दशा पर
निम्न मानव तुमसे, अपराध जघन्य हुआ है
जब जब धरा से...
बीता परिदृष्य विचलित हुआ है
जो मोहभंग करते, वो अजब थे मदारी
डमरू की धुन पर उनका ही नृत्य हुआ है
जब जब धरा से...
भर गया लगता, है वो घाव सुनहला
जिनपर कभी, ना कोई आंसू बहा है
देखी हैं मैंने कई विकट रातें
बाद जिनके सदा सवेरा ही हुआ है
जब जब धरा से...
वितीर्ण होता हृदय कराहकर बोला-
किसने किया ये जो भी किया है
मौन थे सारे इस प्रश्न को सुनकर
ग्लानि से सभी का शीष झुका है
जब जब धरा से...
अश्रु भी हैं सूखे, ना कोई बोल फूटे
चक्षुओं के रस्ते एक कथा का जन्म हुआ है
चीत्कार करती गुड़िया हमारी दशा पर
निम्न मानव तुमसे, अपराध जघन्य हुआ है
जब जब धरा से...
-Snehil Srivastava
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© Snehil Srivastava
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