Path to humanity

Path to humanity
We cannot despair of humanity, since we ourselves are human beings. (Albert Einstein)

Sunday, July 27, 2014

The purpose of life


"That innocence from childhood memories ain't dead but are sleeping. The dreams of future, essence of present and darkness of past have covered it with dust of impatience.
Existence of life is ambiguous. Moreover its reason. To beautify its real and far most true meaning one must see through his soul, his inner self; no different with a child's heart and his innocence."
- his death seems to be the answers of all the burned questions. She could only has ashes now.

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© Snehil Srivastava

Tuesday, July 8, 2014

ये प्रहरी है, ये गर्व है, ये ताकत है। Indian Soldiers


याद कश्मीर की- भाग 1

सैनिक! शब्द है ये? बिलकुल नहीं। सैनिक सिर्फ एक शब्द नहीं हो सकता। ये जीवन है। हमारा, हम सबके सम्मान का।
ठण्ड में भीगते हुए चौकसी में पहाड़ों पर खड़े रहना एक छोटे से स्टोव, एक मग और एक छोटी प्लेट के साथ। खुद ही खाना बनाना होता है यहाँ। हर एक की आँखों में गर्व भरी रौशनी होती है। और यदि धूप देखकर हमारे माथे पर शिकन आ जाये तो भी सैनिक का देशप्रेम सर्वोपरि होता है और वो उसी तरह डटा रहता है हम सबकी रक्षा के लिए। हम जिन छोटी परेशानियों से घबरा जातें हैं, डर जाते हैं और रुक जाते हैं वो सारी की सारी परेशानियां उन्हें मामूली नज़र आती हैं। ज़िन्दगी का हर पल आखरी होता है पर उसे भी दूसरों के लिए ही लगा देना यदि सीखना हो तो सैनिक से सीखो। मौसम कोई भी हो सैनिक सिर्फ हमारी रक्षा करता है अपना घर द्वार कहीं पीछे छोड़कर वो हम सबका हो जाता है। यदि रस्ते पर जाम लगा हो तो सैनिक आ जाता है हमें गतिशील करने के लिए। यदि कहीं कोई दुर्घटना हुई हो तो भी वही हमारी ढाल बन जाता है, हमें खतरों के बीच सुरक्षित रखता है, हमें चैन से सोने देने के लिए स्वयं सारी रात जागता है, हँसता भी है ये सैनिक छोटी छोटी खुशियों पर, हमारी !
ये प्रहरी है, ये गर्व है, ये ताकत है। ये सैनिक है।


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© Snehil Srivastava