Path to humanity

Path to humanity
We cannot despair of humanity, since we ourselves are human beings. (Albert Einstein)

Sunday, September 30, 2012

Day and Night...


Days, O' pretty days,
Why are so rude that singing my song.
Its mine, only mine
it took my heart to reach this long
I hate you, I hate you for this;
the reason behind, is so strong.
I won't let you do this, I won't
You remind me of someone, I am no wrong.

Night, O' nighty night
Why you so dark, still so calm.
Its me, only me
to overcome you, with my precious dawn.
I love you, I love you for sure;
find you nowhere, where have you gone?
I won't let you go, I won't
touch me just once, wanna feel your warmth.

Saturday, September 29, 2012

वो यादें...Those Memories...






कितना अनोखा सा था, वो तुम्हारा यूँ मुस्कुराना
आँखों ही आँखों में दिल की हर बात कह जाना
तुम्हारा मुझे बेफिक्री में गले लगाना
हौले से मेरे हर गम को ख़ुशी बनाना

तुम्हारा दूर जाना इतना अखर क्यूँ रहा है मुझे
फिर से करीब आ जाओ तुम मेरे
उन्हीं खुशियों का साथ फिर से होगा
तमन्नाओं से ये दिल फिर महकेगा

तुम्हारे हाथों की नरमी अब भी बाकी है मुझमें
याद हैं मुझे साथ खायी सारी कसमें
इस अनोखे से  एहसास में ये कैसा खालीपन है
तेरी खुशियों से जुड़ा अब सारा जीवन है

तुम्हारी गोद में सर रखने को जी चाहता है
बंद आँखों से ये सपना जीने को जी चाहता है
सपनों में मुझसे तू हज़ार बातें कहती है
दूर है मुझसे पर मेरे साथ ही रहती है



Friday, September 28, 2012

फिर लौटे हैं वो लम्हें...Memories are back


फिर लौटे हैं वो लम्हें
यादों की शामों के साथ
फिर एक बार चाहूँ मैं हरदम
छिपना तेरे दिल के पास

छू लो मेरे मन को तुम फिर से
कहनी है तुमसे वो बात
कह न सका तुमसे जो अब तक
अंधियारे सी वो काली रात

महक तुम्हारी मुझमें है अब
कसक तुम्हारी है अज्ञात
ना जाने क्यूँ चाहूँ मैं इतना
हर पल बस तेरा ही साथ

आँखें बंद हैं तो फिर क्यूँ
पकड़ा है तुमने ये हाथ
ना जाना चाहूँ तुमसे अब दूर
सुनलो मेरी बस ये बात

Tuesday, September 25, 2012

I wish, I could...



I wish I could bring those times back
where all was soothing to my heart.
Eyes were wet but glitter in your smile
I love you my Love, right from the start.

I wish I could cuddle you one more time
could feel your warmth deep into my heart.
Your touch is my poem and its rhyme
I miss you my Love, lost in this desert.

I wish I could see you once again in my life
could care for you from the core of my heart.
My tears are nothing but you are my shine
I want you my Love, I am your part.

I wish I could hear you calling my name
could hold you for lifetime and your heart
Be with me forever, its just time
I pledge you my Love, life is no short.

Monday, September 24, 2012

~~~तुम्हारा यूँ खिलखिलाना .~~~When you laugh~~~



तुम्हारा यूँ
खिलखिलाकर हँसना
याद दिलाता है मुझे
सुबह के ठंडे झोंकें की
सूरज की पहली किरणों  की
सरसराती पत्तियों की
चिड़ियों के चेहचहाने की
दिल में सुकून समा जाने की

इस मंदिर की घंटियाँ
चारों ओर फैली फूलों की खुशबुएँ
याद दिलाती हैं मुझे
उस पवित्र एहसास की
जीने की आस की
आगे बढ़ने के अभ्यास की
दूर होते त्रास की
डूबते की सांस की

लगता तो नहीं
सच है या नहीं, पता नहीं
आज भी याद है मुझे
ये खिलखिलाहट
सिर्फ मैं समझ सकता था-
कितने भी शोर में
संसार के ओर छोर में
बादल घनघोर में

मनुहार है तुमसे
हंसी, अब तुम मेरे पास रहो
यहाँ हवा ठंडी है,
सूरज की किरणें हैं
कोमल पत्तियां,
चिड़ियों की बोली
हर वक़्त है हंसी ठिठोली
और आकाश में बिछी सतरंगी रंगोली

Sunday, September 23, 2012

व्यथित हूँ...'Restless', I am...


इन श्रृंखलाओं से व्यथित हूँ मैं
आस की, प्रहास की-
हर वक़्त मिटटी सांस की
सोचता हूँ अब रख छोड़ू
अपने तरकश के सारे तीर
तोड़ दूँ इन प्रभंजनो को
सारी वर्जनाओं को,
इन लहरों में उठती गिरती कामनाओं को
गहरी नींद से यकायक उठना
अब कोमल नहीं लगता
तब बात और थी-
जब मुस्कुरा उठता था
उस चमक को देखकर
उन शब्दों का मखमली एहसास
कानों में शहद की भांति घुला हुआ है
जो अब रक्तिम हो चला है
एक टीस सी है-
गहरी, बहुत गहरी
ये युद्ध नीति किसी काम की नहीं
स्वयं से लड़ना इतना आसन भी नहीं
सहस्त्र शब्दों के भंवर में फंसा हुआ
ये अशस्त्र शब्द, डरा सहमा सा
टकटकी बांधें शुन्य की ओर 
सत्य की छाँव टटोल रहा है
वास्तविकता को झुठलाता
इसका ह्रदय स्वयं को तोल रहा है
अंधकार में बढ़ना, रौशनी के बिना
अनवरत अशांत,
विकल विफलता का द्योतक है
धैर्यशील मनुष्य की भांति
ये शब्द अपने यथार्थ पाना चाहता है
अंत तक ही सही

Saturday, September 22, 2012

I am yours, forever...


I am not asking to forgive me
I am asking you to understand
that I was wrong for sure
but not my heart to be blamed.

It was me all the time, believe me
I am asking you to hold my hand
forever, after this beautiful life too.
I have taken, its your turn to take a stand.

I am not asking to come back to me
Just want to feel that one second
When you said that you are mine
and touched my heart from that instant.

I am not asking to love me
All I can ask is to be your man.
I am yours forever my life
Waiting for you every moment.

Friday, September 21, 2012

एक नन्ही परी आई है


एक नन्ही परी आई है
सपनों की नदिया से
खुशियों की नाव पर
एक नन्ही परी आई है
देखा जब मैंने इसको
हंसी का जहाँ पाया
हौले से छू लूँ गालों को
कोमल एहसास है छाया

छोटी सी उंगलियाँ इसकी
कितनी नरम होंगी
गुलाबी चेहरे की रौनक से
सौ बातें कहेंगी
ले लूँ इसे बाहों में अपने
ये कैसी ख़ुशी छायी है
दूर सलोने देश से
एक  नन्ही परी आई है

Thursday, September 20, 2012

lost- Love and Hope!



Heart, why are you smiling
when there is a little hope-
hope to live, hope to love
and breaking all steady rocks.

You try, you may fall
you have to reach the eternity.
Now, that you have gone
but not your love in me.

Still can feel that love breeze
through my hairs, in my eyes
Its destiny that made it teary,
lost Love! You have to rise.

Once I said, 'You are mine
I think of you and I pray
to be together, to be happy
each moment, every night and day.

Wednesday, September 19, 2012

Friend, Hold my heart...



Friend, where have you gone...
I couldn't find you anywhere.
Eyes shut, and you are beside me
Will lose you, if I mere touch you dear.
This fear kills me; day, everyday
No one is here to wipe my tears
Saw you once, in my dream
Holding my hand like forever.

Pearl, is it you...
I couldn’t bind you ever
Felt your fragrance, hugged you tight
I was not, but you were clear
This feeling soothes me, when you say-
You are my all, to care.
Never leave me in my dreams
Hold my heart like never.

Tuesday, September 18, 2012

गीली रेत...Lost name...


जैसे मैं तुमसे मिला नहीं
जो भी है, पर ये सच तो नहीं।
लौटकर फिर वापिस आये तुम
गीली रेत पर लिखे नाम ढूंढते
पर वो तो कब का मिट चुका
छोटे बच्चों के पैरों तले
या कभी उनकी ख़ुशी का घरोंदा बनके
जोड़े थे जिन सपनों के तिनके
हाँ वो हर बार टूट जाता था
पर फिर से जुड़ने के लिए
दोष नहीं ये किसी का भी
सीमाओं की आड़ लिए

जब मैं तुमसे पहली बार मिला
चुप था, हौले से मुस्काया था
बचपन से जो सपना देखा था
उसको जीभर के गले लगाया था
बेफिक्र था अपनी मस्ती में
सोकर भी जगता रहता था
कोयल सी मीठी बोली सुन
रोकर भी हँसता रहता था
ये सब सच है, पर दूर हो तुम
मैं टूटा हूँ पर खुश भी हूँ
इन कोमल खुशियों की छांव में
हँसता हूँ, बस और क्या कहूँ

Monday, September 17, 2012

मूक कहानी...Story without words...



बिन शब्दों के कहता वो मुझसे
सुन लो मेरी मूक कहानी
बात पुरानी बीत गयी जो
दिल ने मेरे सच है मानी
छोटे कोमल हाथों को छूकर
मैंने तेरा मन पहचाना
उन गहरी आँखों के अन्दर
दुनिया देखी सच को जाना

बातें तुमसे करता था जब
बिन शब्दों के बस चुप रहकर
तुमने भी तो गले लगाया
मुझको अपना जीवन कहकर
मेरा साथी है हर पल का
माथे का वो निशान तुम्हारा
इन आँखों की नमी को सुनकर
शब्दों से ये मन है हारा।

Sunday, September 16, 2012

Elizabeth Gilbert: Your elusive creative genius

मीठी यादें...Sweet Memories...


तुमसे है मेरी सुबह, तुमसे है मेरी हर शाम
तुम बिन एक पल भी जियूं, है नहीं आसां
रात वो काली बीत गयी, उन मीठी यादों के सहारे
पर ऐसा क्यूँ हुआ, क्यूँ हम इस वक़्त से हारे
तुझमें जिया है जीवन मैंने, सपना सच्चा प्यारा सा
तुम नहीं हो पास मेरे अब, पर मैं हूँ तुम्हारा सा
याद तेरी सुकून है मेरा, कंधे पर वो सर रख लेना
तेरे कोमल पैरों को छूकर, आँखों से नदियों का बहना

तुमसे ही है जीवन मेरा, तुमसे है दिल का आराम
तुम बिन एक पल भी जियूं, है नहीं आसां
तुमसे बातें करके अब मैं, हंस भी तो लेता हूँ
आँखें बंद किये बस सपनों में खोया रहता हूँ
कल तेरे हाथों को छूकर, अन्दर तक कुछ कुंहक उठा
आँख खुली तो देखा मैंने, हाथ गुलाबी महकता सा
याद तेरी आस है मेरी, दुनिया पूरी होने की
सुन लो मुझको बस एक पल को, आँखों की ये भरी नदी!!

Sunday, September 9, 2012

कितने दिन बीत गए...Days are gone...


इस मुलायम घास पर चले
कितने दिन बीत गए
लगता है,
जैसे ये कल की ही तो बात है
पहले पहल मैं सोचता
पैरों में ये ठंडी नमी सी क्यूँ है
किसी ने कहा-
रात, सारी रात रोती रही
अपनी सारी नमी को
ओस की बूंदों का रूप देकर
घास पर संजोती रही
फिर लगता,
किसी के आंसुओ को
यूँ पैरों तले रौंदना
'उसे' कितना दर्द देता होगा
आंसुओ की सारी शीतलता
पैरों को छूकर, मन तक पहुँचती थी
ये एहसास, रात का सुकून है
पर रात तो काली है
सुकून देना उसके बस की बात नहीं
भ्रम था ये मेरा-
रात न होती तो सुबह क्यूँ आती
दोनों हैं बस एक पल के साथी
सुबह शीतल है
तो रात शांति का रूप है
इसकी ये नमी
फिर एक बार घास पर उतर आई है
पर मेरी हिम्मत नहीं
इस पर चलने की
और शायद अब इसकी
कोई ज़रूरत भी नहीं

Saturday, September 8, 2012

Love was so far, I was in hate...



I feel so lost, I am so confused.
Destiny made it hard or I am so rude?
Life was so true, I was no wrong.
It happened like a moment, I was no strong.
Love was so far, I was in hate.
It stabbed my heart; deep and straight.
Light was so dim, I had a hope.
Shine will be mine, rest is just mock.

I was no bad, Devil was in me.
Right from the start, its written destiny.
Bad was my mind, Heart is serene God.
Both had a fight, I couldn't even thought.
You were my smile, You are my pride.
All I did was wrong, You should have at least tried.
Now, I feel so cold. I need your hug.
Your warmth will shield, me and my breath.

Sunday, September 2, 2012

कल रात मैंने एक सपना देखा..I saw a dream...

कल रात मैंने एक सपना देखा
तुझे होता मैंने अपना देखा
लाल जोड़ा पहने तू  परी लग रही थी
मुझे बिन कहे सब कुछ कह रही थी
थोड़ा सा लजाती, थोड़ा शर्माती
कभी जाती दूर, कभी पास आती
हौले से छू लूँ तुझे, दिल कह रहा था
सोते हुए ही सही, सपना सच हो रहा था
निभा दूँ वो वादा जो तुझसे किया था
लुटा दूँ वो जीवन, जो तुझमें जिया था
तेरे हांथों को छूकर, जहाँ मिल गया था
मेरा साथ तुझसे सदा जुड़ गया था
तेरे हांथों की मेहँदी सुकून लग रही थी
तेरे माथे की बिंदिया क्या कहूँ लग रही थी
चूड़ियों की खनखन में संगीत घुला था
तेरा साथ पाकर मैं पूरा हुआ था
सपनों की बातें तो सच भी हैं होती
बिन सपनों की दुनिया अधूरी ही होती
ये रात, काश थोड़ी लम्बी सी होती
ये सपना न होता, तू मेरी ही होती
कल रात मैंने एक सपना देखा
तुझे होता मैंने अपना देखा

जीतना है श्रीराम तुमसे...I will win, God...

क्या ये गलत है
कि मुझे विश्वास है अपनी जीत का
हारना तो नियति थी
पर मुझे आस है अपनी प्रीत का|
उस गर्भ में छिपा रहस्य
नहीं जानना मुझे
लड़ना पड़ा, तो लड़ जाऊंगा
हे राम! तुझसे|
कहा था तुमने दोगे मेरा साथ
हर तपती राह पर
और रखोगे सर पर हाथ
मेरी हर आह पर|
वचन तुम्हारा क्यूँ धूमिल हुआ
क्यूँ मौन हो प्रभु राम तुम
शक्ति नहीं थी तुममे, तो कह देते
मैं इंसान हूँ, और भगवान् तुम?
भय नहीं मुझे तुमसे
परख लो धैर्य मेरा, हे धैर्यवान!
हारना नियति रही होगी
अब जीतना है मुझे तुमसे श्रीराम|
कोई राह नहीं, कोई चाह नहीं
घने अँधेरे की कोई थाह नहीं
थोडा मद्धम तो होता हूँ, पर
लौटने की दिखती कोई वजह नहीं|

I miss you, the real 'You'



I miss you, the real 'You'
it doesn't mean that you are changed
It happened, b'coz it had to
life should never be blamed.

You are my shine, my darling,
my life line.
I know its broken now-
but its just Time.

Life has a rule
- it has to reach an end.
We are mere human
not the one who breaks this trend.

Sure, I am
we will again be together, here or up in the sky.
You might change, I am not
I may fail, but I will try and I will fly.

बिखरी यादें...Memories...


बिखरी यादें मेरी तुमसे हैं
हर इक महकती शाम सी
कह दो कुछ, हम सुनते रहें
क्यूँ हो अब अनजान सी
हर पल में समाया है वो सिलसिला
जब जब तुमने मुझको छुआ
अब हम भी तुमसे क्या कहें
हो क्यूँ अब तुम बेजान सी
भीड़ भरी इस दुनिया में
हर इंसान अकेला बैठा है
यादों की गहरी घाटी में
मिलती नहीं मेरी सांसें कहीं
ठंडी हवा की ओट लिए
ये तूफ़ान समझ ना पाया मैं
साँसों बिन कोई कैसे जिए
कह दो तुम जो कहा नहीं...