Path to humanity

Path to humanity
We cannot despair of humanity, since we ourselves are human beings. (Albert Einstein)

Saturday, May 30, 2009

"याद एक शब्द है..?"


"याद एक शब्द है याद है एक एहसास,
आज है बहुत दूर कल था कितना पास.
यादों  को याद करने से आँखों में आंसू और होंठो पे हँसी है
ज़िन्दगी तब तो रुकी थी पर आज क्यों रुकी है ?
आंसू से यादों को भूलने का मन करता है

हँसी से दिल उन्हें फिर याद करता है
अब ना हँसना है ना रोना है

ना यांदें बनाना है ना उन्हें खोना है

पर इसके लिए कुछ यांदें होनी चाहिए
होंठों पे आंसू और आँखों में हँसी होनी चाहिए

बांते वही पहुँचीं हैं जहाँ से शुरू हुई थीं
अब आँखें नम हैं तब क्यूँ धुली थीं ?
सब कहते हैं 'स्नेहिल' सोचता बहुत है रोता बहुत है,
पर वो जब भी हँसता है खोता बहुत है
इस सोच में संतुष्टि और रोने में ख़ुशी है
पर ये यांदें इतना दर्द क्यूँ देती हैं ?"

Saahil

तमन्ना है मेरी
हर आरज़ू  पूरी हो तेरी,
चाहे आरज़ू  मेरी
हमेशा रहे अधूरी.
साहिल तो 'साहिल' है
हमेशा वही रहेगा..
जब भी तुम पास आओगे
तुम्हारे पैरों को छुएगा.
पर तुम्हें
शायद कुछ और ही मंज़ूर है,
और साहिल
अपनी आरजू से दूर है...
पर साहिल और आरजू की दोस्ती
थोड़ी अजीब है,
वो कल भी करीब थे और
आज भी करीब हैं...

"एक ख्वाब था"

"एक ख्वाब था एक सोच थी 
एक बूँद थी ओस की;
ख्वाब में वही तुम थी
बांते थीं मेरे मन की 
मन से तेरे प्यार था
हांथों में माँ सा दुलार था 
ढेरों अधूरे सवाल थे
उत्तर जिनके विशाल थे
अब ! ना ख्वाब हैं ना सोच है
आँखों में गर्म ओस है,
सच में तुम नहीं हो
या शायद तुम वही हो
मन से सब तेरा है
तेरी मौन करुणा पर हक मेरा है 
सामने सारे जवाब हैं
एक अधूरे प्रश्न का एहसास है...!!"

दो दोस्त...


"....दो दोस्त 'हँसी' और 'ज़िन्दगी' 
जब मिले दोनों चुपचाप थे;
फिर भी दोनों साथ थे
ज़िन्दगी को जीना हँसी ने सिखाया,
हँसी को हँसना ज़िन्दगी से आया
ऐ- दोस्त ज़िन्दगी !!
हँसी ने कहा-
ज़िन्दगी तुम जी भर जियो
अब ज़िन्दगी से भी रहा ना गया,
बोला-
हँसी तुम सदा ऐसे ही हँसती रहो
दोनों एक दुसरे को सोच रहे थे,
और अपने लिए दोनों ही चुप थे
ज़िन्दगी के मायने कहाँ छुपे हैं
वो चल रहे हैं या कहीं रुके हैं
हँसी भी हँसना भूल सी गई है
वो नम आँखों से हँस सी रही है
दो दोस्त हँसी और ज़िन्दगी