ये जो बारिशें हैं, वक़्त देखकर आती हैं
किसी के दर्द में, किसी की ख़ुशी में
ये जो बारिशें हैं, पुरजोर भिगाती हैं
किसी को ग़मों से, किसी को हंसी से
ये जो बारिशें हैं, बड़ा शोर मचाती हैं
किसी भीड़ के अकेलेपन में, किसी मयूर के झूमते मन में
ये जो बारिशें हैं, कई गीत सुनाती हैं
किसी और पर बरसती हैं, किसी और को भिगो जाती हैं
ये जो बारिशें हैं, हाँ यही बारिशें
किसी के दर्द में, किसी की ख़ुशी में
ये जो बारिशें हैं, पुरजोर भिगाती हैं
किसी को ग़मों से, किसी को हंसी से
ये जो बारिशें हैं, बड़ा शोर मचाती हैं
किसी भीड़ के अकेलेपन में, किसी मयूर के झूमते मन में
ये जो बारिशें हैं, कई गीत सुनाती हैं
किसी और पर बरसती हैं, किसी और को भिगो जाती हैं
ये जो बारिशें हैं, हाँ यही बारिशें
-Snehil Srivastava
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© Snehil Srivastava