Path to humanity

Path to humanity
We cannot despair of humanity, since we ourselves are human beings. (Albert Einstein)

Thursday, October 2, 2014

बस इतनी सी जिद है मेरी Stubborn love

Dedicated to someone whom I miss day everyday.
Who else other than you, silly 'Barish'

सच कहूँ तुमसे
एक जिद है मेरी
तुम कहो खुद की बात
मैं सुनूँ तुम्हें सारी रात
तुम रुको ना एक पल को भी
भिगोती रहे हमें बरसात
तुम मेरा अभिमान बन जाओ
इस जीवन को खुशियों से सजाओ
मेरी पूर्णता तुमसे हो
तुम मेरी अर्धांगिनी कहलाओ

सच कहूँ तुमसे
एक जिद है मेरी
तुम्हारे नाम में हो बारिश सा एहसास
जब कोई ना दे साथ तुम हो मेरे पास
मुझे छूकर बस एक बार कह दो
तुम्हीं तो हो मेरा आत्मविश्वास
मुझमें तुम सी सुन्दर सोच हो
मेरी हर बात में तुम्हारी ही ओट हो
तुम्हे सोचने भर से खुशियाँ मिल जायें
जैसे कानों में घुलता मधुर संगीत हो
सच कहूँ तुमसे
बस इतनी सी जिद है मेरी

Picture credit: Stubborn love by 'baileyclaire', www.wattpad.com

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© Snehil Srivastava

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