ये नाम है जो तेरा, मुझको थामे सा रहता है
जब हो जाता हूँ अकेला, धीरे से कुछ कहता है
देता है शक्ति जीने की, सीमाओं में रहने की
फिर ना जाने क्यूँ, आँखों से दरिया बहता है
जब सांसें थम सी जाती हैं, आँखें बंद हो जाती हैं
हौले क़दमों की आहट से, दिल को मेरे छू लेता है
उन काली खाली रातों से, करनी है मुझको दोस्ती
अकेले चलते इन राहों पे मेरा समय भी बीता है
ये नाम है जो तेरा, मुझको थामे सा रहता है
जब हो जाता हूँ अकेला, धीरे से कुछ कहता है
क्यूँ नहीं हो तुम मेरे पास, क्या जानो तुम इसका एहसास
बस नाम यही है तेरा, जो मुझसे बातें करता है
जब आँखें बंद किये मै सपनों में खोया रहता हूँ
ये नाम वहां भी आकर, गुमसुम सा बैठा रहता है
हर पल, हर लम्हा, ना जाने क्या क्या कहता है
खुद को शायद है भुला दिया, फिर भी अच्छा सा लगता है
अब मत रोना ऐ नाम मेरे, वरना अकेला हो जाऊंगा
खुद, खोके मिलना मुश्किल है, स्नेहिल तुमसे कहता है|
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© Snehil Srivastava
ला-जवाब जबर्दस्त!!
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति....
नवरात्रि की आप को बहुत बहुत शुभकामनाएँ ।जय माता दी ।
कुछ तो है इस कविता में, जो मन को छू गयी।
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया हौसला अफ़जाई के लिए....नवरात्रि की बंधाइयां, ||जय माता दी||
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...भावनाओं और शब्दों का सुन्दर संगम...बधाई..
ReplyDeleteThank you very much sir...
ReplyDeletelovely poem.......
ReplyDeleteThanks didu!!
ReplyDeletewah ustaad....baat to hai....
ReplyDeleteTum bas u hi kuch kah dete ho lekin wo asar karta hai,
ReplyDeleteBaat me itna dum hota hai ki pado to aankhe nam kar deta hai !!!
Bahut acche mere Sher.....u rocks
Ritesh Srivastava
wah kya bat hai
ReplyDeletebahut achhi rachna
@sonu: thanks!!
ReplyDelete@Ritesh:thanks bhai...thank you very much
@Deepti:bohot bohot dhanyawad
बहुत उम्दा रचना..
ReplyDeletewow bhaiya!!!!!!!!!!
ReplyDeletebindas poem
ekdm mast,,,,,,,,,,,,,,,,
kaha se aa jate hai itne pyaare pyare thoughts,,,,,,
धन्यवाद!!!
ReplyDeleteThanks Neha!!
shi h "sir"!!!!!
ReplyDeleteit's vry vry vry touchng..
shayad har naam khud se yhi khta h.
keep on writing................
me kya kahu...... dunno wat to say.. bt its realy gud n heart-touching.. keep d gud work going n definitely one day u'll b huge............ gud wishes... :)
ReplyDelete@Shweta:thanks dear.
ReplyDelete@Arpita:thank u so much.
waqt bewqat kyun khayal aata hai,
ReplyDeletetere naa hone se bhi tere hone ka ehsaas hota hai!!
sochta tha shayad waham hoga mera,
Abhi samjh me aya tere shabdo me tera sath hota hai!!
Aise hi likhte raho mere dost,
navjeevan ka ankur ho jaise, tere shabdo me waisa andaaz hota hai!!
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ab tere jitna achcha to maine nahi likha...
par dil ki baat thi so jaise aya likh diya....
very nice poem boss !! I Iiked it!aise hi likhte rah :)
@Saurabh:thanks bhai...bhavnaye kabhi kam ya zyada nhi hoti....
ReplyDeletethe best comment so far...in a poetic way..!!
@Snehil :
ReplyDeleteaapka badappan hai sir....thank you!
उन तनहा मुश्किल राहो में, संग नाम तुम्हारा चलता है
ReplyDeleteजब नाम तुम्हारा होता है, ये शक्ल में तेरी ढलता है .
अची लगी आपकी कविता
kya baat heart touching boss..... loved it..
ReplyDelete#Sakhi: Thanks..
ReplyDelete#Neha: Shukriya...!!!