अनजानों से भरी
बातें हैं सबकी देखो,
कुछ सुनी, कुछ अनकही
ये साथ के राही
कुछ कुछ पहचाने से हैं,
फिर एक पल लगता है
कितने बेगाने से हैं...
ये छोटा बच्चा
इतना प्यारा क्यों हैं,
इसकी बातों का पिटारा
इतना सारा क्यों हैं?
इस औरत के गहने
चमक-चमक रहे हैं
आँखों में ख़ुशी लिए
ye chota bacha itna pyara kyo h?
ReplyDeleteiski baato ka pitara itna sara kyo h????
ultimate lines....
u r genius "sir"......
tmhe bhi achi lgi ye line...!!
ReplyDeletethanks...bachche...
kya baat hai snehil ji aap to kamal likhte ho.......
ReplyDeleteYe raah thodi dheemi si hai
haan bas kuch tumhari kami si hai
kya hum kuch baatein karein
ya saath rah kar bhi chup chup rahein
awsome lines .....
बहुत बहुत शुक्रिया हौसला आफजाई
ReplyDeleteके लिए...
sach a nice!!! poem.
ReplyDeletesnehil...snehil....snehil...