है कहानी ये पुरानी
राष्ट्र के सम्मान की
देशभक्तों ने लिखी थी
गणतंत्र के पहचान की
ख़्वाब देखा था सभी ने
एक विकसित देश का
देश के हर जन का
यही एक उद्देश्य था
आज है गणतंत्र दिवस
फैला हुआ है उजाला
नयी किरण इस नयी सुबह की
मन में हैं खुशियों की हाला
है अग्रसर, उन्नति के पथ पर
देश मेरा भारत महान
करनी है सेवा निःस्वार्थ मन से
इसपर न्योछावर मेरे प्राण.