तेरे झगड़ने की जिद भी तेरे प्यार जैसी लगती है
हर तकरार के बाद जाने क्यों तू मेरी बाँहों में सिमटती है
अब बस फ़िक्र है तेरी आँखों में आंसू आ ना पाएं
तेरी हर झिड़की तेरे इश्क की खुशबू सी महकती है
तू मांग ले जो कुछ भी चाहे, चाहे तो तू जान भी मांग सकती है
नूर है ये उन आँखों का जो काजल से सजतीं हैं
वादा रहा आखिरी सांस का तुझसे हम आखिर मिल ही जायें
तेरी हंसी में मिली खुशियाँ फिर ये लड़ाईयां क्या कर सकती हैं
Photo Credit: http://demortalz.com/2012/11/22/cute-and-lovely-romantic-love-wallpapers/
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© Snehil Srivastava
ये मासूम सी जिद......
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