Path to humanity

Path to humanity
We cannot despair of humanity, since we ourselves are human beings. (Albert Einstein)

Friday, September 12, 2014

मीठी सी वजह An Inspiring Start

बातें ही नहीं मैं भी अजीब हूँ ऐसा लोग कहते हैं
मुझे जो सुने जिसके मैं भी कभी करीब हूँ, लोग नहीं होते हैं
वक़्त की सुनूँ या दिल की, बहुत बार सोचा है
ऐतबार ही तो है शायद, दिल तो ना जाने क्या क्या कहता है

परेशान करने की वजह नहीं मेरे पास ऐ दोस्त
बातें ना भी करें तो कहीं हो न जाये फिर अफ़सोस
कई बार चाहा कह दूँ वो सब कुछ जो किसी से भी ना कहा
कई बार रोका है खुद को कोई तो होगी इसकी मीठी सी वजह

यूँ गुमसुम रहना वक़्त ने सिखा दिया
हर गम चुप सहना उस वजह ने बता दिया
दोस्त की आवाज़ में कुछ तो सुकून होगा
मरहम सा एहसास लिए तुमसा कौन होगा

सजा बस इतनी सी मिली कि सजा नहीं मिली
खुद में गुम रहा कि हँसने की वजह नहीं मिली
अब है इंतज़ार बस आखिरी मुस्कान का
तेरे नाम में छिपा है जवाब हर पहचान का


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© Snehil Srivastava

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