Path to humanity

Path to humanity
We cannot despair of humanity, since we ourselves are human beings. (Albert Einstein)

Thursday, September 18, 2014

कुछ बातें- Innocent lover


चलो कुछ बातें करते हैं
कुछ खट्टी कुछ मीठी बातें
कुछ तुम्हारी कुछ मेरी बातें
हाँ जिससे मिट जायें सारी काली रातें
ये जो तुम्हारा हर एक शब्द है
मुझे इतनी ख़ुशी क्यों देता है
जैस मेरे लिए ही बुना गया है
हर एक शब्द
मैं अंजान तो नहीं
तुम ही हो शायद
जो कहती तो हो सब कुछ
पर खुद ही भुला देती हो
एक एक शब्द
फिर से कुछ कहने को
मुझे नई खुशियाँ देने को
हर बार होता है ऐसा
कोई हर बार आता है
फिर ये काला सा बादल
क्यों छा जाता है
तुम बता दो मुझे
सब कुछ जता दो मुझे
एक ठहराव हो
तो बस बात हो कुछ
सारी खुशियाँ झोली में समा जायें
सचमुच
तुम्हारी इन हवा के झोकें जैसी
बातों का पिटारा
कितना ही निराला है
लगता है जैसे
कुछ बहुत सुकून देने वाला है
अब रुक जाऊं क्या साथ तुम्हारे
या फिर....
चलो कुछ बातें करते हैं
कुछ तुम्हारी कुछ मेरी बातें
बारिश में भीगी मिट्टी सी
सोंधी सोंधी बातें


चलो ना...
कुछ बातें करते हैं...
कुछ बातें करते हैं...



Photo Credit- pleiades513.wordpress.com

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© Snehil Srivastava

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