Path to humanity

Path to humanity
We cannot despair of humanity, since we ourselves are human beings. (Albert Einstein)

Friday, September 19, 2014

बारिश तेरे लफ़्ज़ों की Innocent Rain


इन्हें इल्जाम का नाम दोगेे तो मोहब्बत ना होगी
इस बारिश में भीगने का मज़ा ही कुछ और है
आदत तेरे लफ़्ज़ों की हो तो कोई बात नहीं होती
तेरी तकरारें करने की अदा ही कुछ और है

यूँ मशरूफ रहोगे तो भी तेरी इनायत होगी
तुमसे सब कह देने की वजह ही कुछ और है
आहट तेरी पायल की होती तो कुछ बात होती
गौर से देखो तुम्हें अब तक दिखा कुछ और है

Picture credit: http://www.layoutsparks.com/1/38469/pillow-fight-fun-love.html

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© Snehil Srivastava

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