हारना तब आवश्यक हो जाता है जब लङाई
"अपनों से हो"
...और....
जीतना तब आवश्यक हो जाता है जब लङाई
"अपने आप से हो"
मंजिल मिले ना मिले
ये तो मुकदर की बात है!
हम कोशिश भी ना करे
ये तो गलत बात है
-हरिवंशराय बच्चन
इन्हीं शब्दों से विस्मृत कुछ शब्द मेरे-
कोशिश-
यही तो अनवरत है
यही तो सत्य है
हारो जीतो फिर हारो
इसी का महत्व है
मुकद्दर-
सबका हो जरुरी नहीं
अगर हो काफ़ी नहीं
मेहनत में कुछ तो बात है
जीत ना हो संभव नहीं
अपने-
वो हैं जो साथ हंसे
वो भी हैं जो साथ रोएं
वो नहीं जो साथ छोड़ें
हाँ वो हैं जो हिम्मत को जोडें
हार-
होने दो कोई बात नहीं
दो पल की होगी, मुलाकात सही
थकना नहीं बस जरा सी दूरी है
हार है कोई मौत नहीं
जीत-
खुद से लड़ाई है
जिसने भी पायी है
ना हो ना सही
कौन सी जग हंसाई है
Countesy- Bhupendra Tyagi
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© Snehil Srivastava
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