Path to humanity

Path to humanity
We cannot despair of humanity, since we ourselves are human beings. (Albert Einstein)

Saturday, May 30, 2009

"एक ख्वाब था"

"एक ख्वाब था एक सोच थी 
एक बूँद थी ओस की;
ख्वाब में वही तुम थी
बांते थीं मेरे मन की 
मन से तेरे प्यार था
हांथों में माँ सा दुलार था 
ढेरों अधूरे सवाल थे
उत्तर जिनके विशाल थे
अब ! ना ख्वाब हैं ना सोच है
आँखों में गर्म ओस है,
सच में तुम नहीं हो
या शायद तुम वही हो
मन से सब तेरा है
तेरी मौन करुणा पर हक मेरा है 
सामने सारे जवाब हैं
एक अधूरे प्रश्न का एहसास है...!!"

4 comments:

  1. हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
    कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें

    ReplyDelete
  2. Samay ke saath kitna kuchh badal jata hai!

    ReplyDelete
  3. This comment has been removed by a blog administrator.

    ReplyDelete