तमन्ना है मेरीहर आरज़ू पूरी हो तेरी,चाहे आरज़ू मेरीहमेशा रहे अधूरी.साहिल तो 'साहिल' हैहमेशा वही रहेगा..जब भी तुम पास आओगेतुम्हारे पैरों को छुएगा.पर तुम्हेंशायद कुछ और ही मंज़ूर है,और साहिलअपनी आरजू से दूर है...पर साहिल और आरजू की दोस्तीथोड़ी अजीब है,वो कल भी करीब थे औरआज भी करीब हैं...
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