Path to humanity

Path to humanity
We cannot despair of humanity, since we ourselves are human beings. (Albert Einstein)

Saturday, May 30, 2009

Saahil

तमन्ना है मेरी
हर आरज़ू  पूरी हो तेरी,
चाहे आरज़ू  मेरी
हमेशा रहे अधूरी.
साहिल तो 'साहिल' है
हमेशा वही रहेगा..
जब भी तुम पास आओगे
तुम्हारे पैरों को छुएगा.
पर तुम्हें
शायद कुछ और ही मंज़ूर है,
और साहिल
अपनी आरजू से दूर है...
पर साहिल और आरजू की दोस्ती
थोड़ी अजीब है,
वो कल भी करीब थे और
आज भी करीब हैं...

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