वक़्त बेवक्त याद आती है तेरी
जैसे गहरे समंदर में रुकी सांसें हों मेरी
ये सर्द एहसास दिल तक उतर आया है
घनी रातों में साथ चलता तेरा ही साया है
नम आँखों से देखकर दुनिया की हंसी
दिल कहता है, तू बस यहीं है कहीं
हर आहट बस तेरी सी लगती है
जिधर देखूं, तू ही तू दिखती है
तमन्ना है तू फिर मुझे गले लगाये
जैसे सदियाँ बीत गयीं हों तेरे पास आये
यकीन है तुझपर कि तू मेरा नसीब है
उसने जुदा किया है जो मेरा रकीब है
दुआ कर कि मैं मरकर भी जी सकूँ
तेरा ना हो सका तो उस खुदा का हो सकूँ
तेरी याद से इतना गहरा रिश्ता है मेरा
तेरी याद से इतना गहरा रिश्ता है मेरा
खुद को देखूं तो भी नज़र आता है तेरा चेहरा|
bahot khoob
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