Path to humanity

Path to humanity
We cannot despair of humanity, since we ourselves are human beings. (Albert Einstein)

Monday, October 21, 2013

तब तुमने कहा था Once you said


बस लिखने की ही तो बात है,
कुछ शब्दों को इन कोरे पन्नो पर उकेरने की
कुछ भावनाओं को इन काली रातों से छीनने की|
हर उस आंधी ने ऑंखें कर दी थीं बंद
और हो गयी थी जब मेरी सांसें मंद
तब तुमने कहा था-
बस लिखने की ही तो बात है|

तरह तरह की वर्जनाएं सिमटी सी थीं मुझमें
ना जाने मानवों की कैसी थीं ये किस्में
थम जाने को जी चाहता था बस यूँ ही
और रह गयी थीं ना जाने कितनी बातें अनकही
तब तुमने कहा था-
बस लिखने की ही तो बात है|

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