Path to humanity

Path to humanity
We cannot despair of humanity, since we ourselves are human beings. (Albert Einstein)

Tuesday, October 6, 2015

तिनके की कहानी
Whit words

पानी में तैरता तिनका
हवाओं संग अठखेलियां करता तिनका
आँखों में पड़ा तिनका
मिट्टी में मिला तिनका

सन्दर्भ कई रूप वही
सर्वस्व मिथ्या, केवल तिनका सही

अपने अस्तित्व को संजोता
यहां वहां भटके किन्तु नहीं रोता

खुरदुरा सा, कभी चमचमाता
तो कभी नरम धूलि सा धूमिल हो जाता

मुख मौन सदा रहता
अंतर्मन से सबकुछ कह देता

क्रोध रुपी तिनका
करुणामयी तिनका
तुझपर अर्पित तिनका
कितना है विस्तृत तिनका


-Snehil Srivastava
Picture credit: www.zastavki.com
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© Snehil Srivastava

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