राह पर कुछ कांटें
काँटों संग हैं कुछ फूल
दोनों ही कृतियाँ तेरी हैं मालिक
काटें चुनूं या फूल
फूल चुनूं तो महक हाथ आती
काटों से मिलती चुभन है
दूर तलक सोचा तब जाना
इन दोनों का साथ ही जीवन है
फूलों का अर्पण कर देना
और काटों का हो तर्पण
दोनों का समुच्य ही सम्पूर्णता है
जिसमें छिपा है जीवन दर्शन
एक है कोमलता का द्योतक
तो दूजा है शक्ति प्रदाता
जिसने समझा इस अनुपम सत्य को
वो ही महा मनस्वी कहलाता
Picture credit: www.morninglorysunrise.blogspot.in
काँटों संग हैं कुछ फूल
दोनों ही कृतियाँ तेरी हैं मालिक
काटें चुनूं या फूल
फूल चुनूं तो महक हाथ आती
काटों से मिलती चुभन है
दूर तलक सोचा तब जाना
इन दोनों का साथ ही जीवन है
फूलों का अर्पण कर देना
और काटों का हो तर्पण
दोनों का समुच्य ही सम्पूर्णता है
जिसमें छिपा है जीवन दर्शन
एक है कोमलता का द्योतक
तो दूजा है शक्ति प्रदाता
जिसने समझा इस अनुपम सत्य को
वो ही महा मनस्वी कहलाता
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© Snehil Srivastava
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