विस्मृत करती हैं मुझे कुछ छोटी छोटी सी बातें
जैसे नदिया क्यों बहती है और क्यों होती हैं रातें
क्यों आता है सुख, और आकर जाता ही क्यों है
इन सबका कारण मैं नहीं इन सबका कारण तू है
क्यों ठिठुरन इतनी बढ़ती है कि मानव सो ही जाता है
क्यों सवेरा होने पर वो घनघोर अँधेरा पाता है
क्यों हृदय विदारक घटनाएं हर रोज यहाँ पर होती है
जब सारी दुनिया सोती है क्यों सच्चाई अकेली रोती है
क्यों होता है क्रोध का जन्म जब करुणा तेरी ही संतान है
ये तेरी ही तो करनी थी अब क्यों तू इतना हैरान है
क्यों अग्नि की बरसातें हैं जब शीतल जल भी होता है
क्यों सब कुछ इतना मुश्किल है जब जीवन सरल ही होता है
क्यों होता है ये युद्ध धरा पर, क्यों रक्त कटारें चलती हैं
क्यों नित दिन कोई नाहक मरता है, ना हृदय दीवारें पिघलती हैं
क्यों होता है आसाम यहाँ जब सघन अँधेरा होता है
क्यों यीशु के जन्म से पहले एक मृत सवेरा होता है
Picture credit: www.ibtimes.com
जैसे नदिया क्यों बहती है और क्यों होती हैं रातें
क्यों आता है सुख, और आकर जाता ही क्यों है
इन सबका कारण मैं नहीं इन सबका कारण तू है
क्यों ठिठुरन इतनी बढ़ती है कि मानव सो ही जाता है
क्यों सवेरा होने पर वो घनघोर अँधेरा पाता है
क्यों हृदय विदारक घटनाएं हर रोज यहाँ पर होती है
जब सारी दुनिया सोती है क्यों सच्चाई अकेली रोती है
क्यों होता है क्रोध का जन्म जब करुणा तेरी ही संतान है
ये तेरी ही तो करनी थी अब क्यों तू इतना हैरान है
क्यों अग्नि की बरसातें हैं जब शीतल जल भी होता है
क्यों सब कुछ इतना मुश्किल है जब जीवन सरल ही होता है
क्यों होता है ये युद्ध धरा पर, क्यों रक्त कटारें चलती हैं
क्यों नित दिन कोई नाहक मरता है, ना हृदय दीवारें पिघलती हैं
क्यों होता है आसाम यहाँ जब सघन अँधेरा होता है
क्यों यीशु के जन्म से पहले एक मृत सवेरा होता है
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© Snehil Srivastava
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