Path to humanity

Path to humanity
We cannot despair of humanity, since we ourselves are human beings. (Albert Einstein)

Wednesday, December 31, 2014

दोस्ती थी दो दुश्मनों में
Innocent friendship...

दोस्ती थी दो दुश्मनों में
और ईमानदारी भी बहुत थी
उनके रिश्ते में दोस्तों
दिलदारी बहुत थी
किसी को कहते सुना मैंने
वो पहले सिरफ
एक दूसरे को जानते भर थे
समय बीतता गया
अब वो
खुद को नहीं पहचानते भर थे
फिर दुश्मनी का
धीरे धीरे आगाज़ हुआ
दोस्ती पर लगा ग्रहण
अब कोई उनका हमराज़ ना हुआ
साथ देने को तन्हाइयों का साथ
ही दीख पड़ता है उनको
दोस्त थे जब
भुला देते थे हर एक गम को
काश ये दुश्मन
अब फिर से दोस्त बन जाएं
और फिर से वही
एक छोटी सी दुनिया बनाएं

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© Snehil Srivastav

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