मैं आम तौर पर बाइक से सफ़र करता हू, लेकिन कभी अगर ऑटो में जाना होता है तो तरह तरह के किस्से देखने को मिल जाते है। इसी में एक है ऑटो रिक्शा में लड़की के महत्त्व का किस्सा। मैं नॉएडा से गाज़ियाबाद अपने घर ऑटो से जा रहा था, शाम का वक़्त था भीड़ भी ज्यादा थी। हर किसी को घर जाने कि जल्दी थी। कैसे भी हो घर पहुँचो। ऐसे में मैंने देखा कि हमारे ऑटो फुल हो गया। लेकिन उसमे लड़की नहीं थी। तभी अचानक न जाने एक खूबसूरत लड़की न जाने कहाँ से आ गयी। और ऑटो वाले से गाज़ियाबाद जाने कि बात कि ऑटो वाले ने तभी बगैर कुछ सोचे समझे ऑटो से एक सवारी को फ़ौरन उतरने कि बात कह दी। लड़का देखने में सज्जन था, शायद तभी आराम से बगैर कुछ कहे ऑटो से उतर गया। और उस जगह लड़की बैठ गयी। लड़की जब ग़ाज़ियाबाद में उतर गयी। तब मैंने ऑटो वाले से पूछा यार तुमने पहल ऑटो में लड़के को उतार कर लड़की को जगहे क्यों दी। जबकि दोनों बराबर पैसे देते। इस पर ऑटो वाले का जवाब सुनकर मैं हैरान हो गया। उसका जवाब था कि भाई साहब आपको नहीं पता लड़की को ऑटो में बैठाने से सवारी ज्यादा मिल जाती है। इसीलिए मैंने उस आदमी को उतार दिया। लड़की के ऑटो में होने से अन्य सवारियों का भी मन लगा रहता है। और सवारी पैसे देने में चिक चिक भी नहीं करती। और अगर ऐसा करने में मुझे ज्यादा पैसे मिलते है तो मैं ऐसा क्यों न करू। आप खुद ही बताये......
तब मैं ऑटो में लड़की के महत्व को समझा।
सूरज सिंह।
तब मैं ऑटो में लड़की के महत्व को समझा।
सूरज सिंह।
hahaha....
ReplyDeleteriksha vale bhi samay aur grahak ki nabj pahachante hai.
zarurat pehchante hain..apni bhi..
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