Path to humanity

Path to humanity
We cannot despair of humanity, since we ourselves are human beings. (Albert Einstein)

Monday, September 17, 2012

मूक कहानी...Story without words...



बिन शब्दों के कहता वो मुझसे
सुन लो मेरी मूक कहानी
बात पुरानी बीत गयी जो
दिल ने मेरे सच है मानी
छोटे कोमल हाथों को छूकर
मैंने तेरा मन पहचाना
उन गहरी आँखों के अन्दर
दुनिया देखी सच को जाना

बातें तुमसे करता था जब
बिन शब्दों के बस चुप रहकर
तुमने भी तो गले लगाया
मुझको अपना जीवन कहकर
मेरा साथी है हर पल का
माथे का वो निशान तुम्हारा
इन आँखों की नमी को सुनकर
शब्दों से ये मन है हारा।

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