Path to humanity

Path to humanity
We cannot despair of humanity, since we ourselves are human beings. (Albert Einstein)

Monday, May 4, 2015

जब जब धरा से
The earth and a girl

जब जब धरा से कुहांसा छटा है
बीता परिदृष्य विचलित हुआ है
जो मोहभंग करते, वो अजब थे मदारी
डमरू की धुन पर उनका ही नृत्य हुआ है
जब जब धरा से...

भर गया लगता, है वो घाव सुनहला
जिनपर कभी, ना कोई आंसू बहा है
देखी हैं मैंने कई विकट रातें
बाद जिनके सदा सवेरा ही हुआ है
जब जब धरा से...

वितीर्ण होता हृदय कराहकर बोला-
किसने किया ये जो भी किया है
मौन थे सारे इस प्रश्न को सुनकर
ग्लानि से सभी का शीष झुका है
जब जब धरा से...

अश्रु भी हैं सूखे, ना कोई बोल फूटे
चक्षुओं के रस्ते एक कथा का जन्म हुआ है
चीत्कार करती गुड़िया हमारी दशा पर
निम्न मानव तुमसे, अपराध जघन्य हुआ है
जब जब धरा से...

-Snehil Srivastava

Picture credit: www.wonderslist.com
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© Snehil Srivastava

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