ये जो एहसास है
निश्चल, सरल, निर्मल
अनछुआ, अनकहा
चला आ रहा था
अज्ञात विश्वास से,
ना जाने कब से?
पहला नाम इसका, था-
मार्मिक, सार्वभौमिक, अलौकिक
या कह दो,
विस्तार से भी विस्तृत
परन्तु,
शब्दों की सीमाओं में
बंधा हुआ
ये खोज में था
खुद में छिपे
अस्तित्व की.
और अब,
जब ये बन चुका हैअनुभूति, प्रतिभूति
विरक्ति, आसक्ति.
कर रहा है कोशिश
छुड़ा लेने की
इन
बंधनों से, अड़चनों से
कभी न प्राप्त हुए
अवसरों से
और,
क्या कभी संभव होगा-
कुंठा, कटुता और
प्रतिक्रिया से दूर हो पाना
यदि हाँ-
तो कब
और कैसे?
यदि नहीं-तो इसका कारण
गूढ़ रहस्य की तरह
उलझनों में
उलझा हुआ है और
सदा रहेगा.
विराम लगाना होगा इसपर
अन्यथा यह,
सदा ही अबाध गति से
चलता ही रहेगा,
चलता ही रहेगा...
MEANING-
निश्चल- stagnant
निर्मल- serene, translucent
अनछुआ- untouched
अनकहा- unuttered, tacit
मार्मिक- touching, poignant
सार्वभौमिक- universal
अलौकिक- superhuman, uncanny
अस्तित्व- existent
अनुभूति- realization
प्रतिभूति- bond
विरक्ति- disaffection, indifference, alienation
आसक्ति- attachment, affection
अड़चनों- obstacle, hurdle
कुंठा- frustration
कटुता- bitterness, cyncism
गूढ़- deep, mysterious
अबाध- unstoppable
Sunday, September 25, 2011
रहस्य अंत और रहस्य.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment