जो मेहनत करी, तेरा पेशा रहेगा
ना रेशम सही, तेरा रेशा रहेगा
अभी कर ले पूरे, सभी काम अपने
तू क्या सोचता है हमेशा रहेगा?
सच्चा तू बन जा, कच्चा सा बनकर
अच्छा तू बन जा, अच्छा सा बनकर
बड़े होने में अब कोई अच्छाई नहीं है
तू छोटा ही बन जा बच्चा सा बनकर
क्या चाहा तूने, क्या हुआ साथ तेरे
छोड़कर चले गए, सारे अपने तेरे
तू ही रुका था इस लम्बे सफर में
रात बीती लम्बी हुए फिर सवेरे
अब इतना सहा है, फिर कितना सहेगा?
अँधेरा हुआ है, सवेरा भी होगा
तू चलना शुरू कर पुराना भुलाकर
तू क्यों सोचता है सवेरा ना होगा?
अभी कर ले पूरे, सभी काम अपने
तू क्या सोचता है हमेशा रहेगा?
-Inspired by a poem (Sri Ashok Chakradhar)
ना रेशम सही, तेरा रेशा रहेगा
अभी कर ले पूरे, सभी काम अपने
तू क्या सोचता है हमेशा रहेगा?
सच्चा तू बन जा, कच्चा सा बनकर
अच्छा तू बन जा, अच्छा सा बनकर
बड़े होने में अब कोई अच्छाई नहीं है
तू छोटा ही बन जा बच्चा सा बनकर
क्या चाहा तूने, क्या हुआ साथ तेरे
छोड़कर चले गए, सारे अपने तेरे
तू ही रुका था इस लम्बे सफर में
रात बीती लम्बी हुए फिर सवेरे
अब इतना सहा है, फिर कितना सहेगा?
अँधेरा हुआ है, सवेरा भी होगा
तू चलना शुरू कर पुराना भुलाकर
तू क्यों सोचता है सवेरा ना होगा?
अभी कर ले पूरे, सभी काम अपने
तू क्या सोचता है हमेशा रहेगा?
-Inspired by a poem (Sri Ashok Chakradhar)
-Snehil Srivastava
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© Snehil Srivastava
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