Path to humanity

Path to humanity
We cannot despair of humanity, since we ourselves are human beings. (Albert Einstein)

Saturday, November 15, 2014

रंगीन हथेलियाँ Innocent Colours

इन तमाम रंगों की महक
और इनकी रंगीनियत को
दोनों हथेलियों पर रखकर
तौलने से होता एहसास
रंगों के एकाकीपन को
और उनके सुन्दर मन को
भ्रमित सा कर देता है
उन्हें समझ नहीं पाता
जब तक उनमें तारतम्य बैठे
हर एक रंग अपनी अमिट छाप
छोड़ देना चाहता है
बिना ये जाने कि आखिर
ये कोमल हथेलियाँ चाहती क्या हैं
ये रंग
और भी गहरे होते जाते हैं
गाढ़ा लाल, कुछ कुछ काला
जैसे मरे हुए खून का रंग
जिसे खरोंचने पर
वो नाखूनों में फंस जाया करता है
उसकी ना मिटने वाली इच्छा
अमर हो जाती है
रंगों की महक
और इसकी रंगीनियत
बोझिल सी लगने लगती है
हाँ ये बात और है
कि इन्हीं रंगों से
इंद्रधनुष भी बनता है
पर इसके लिए
मेघों का बरसना
कितना ज़रूरी है
ये कोई इन हथेलियों से पूछे
कभी तो......


Picture credit: www.wallippo.com

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© Snehil Srivastava

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