Path to humanity

Path to humanity
We cannot despair of humanity, since we ourselves are human beings. (Albert Einstein)

Friday, October 31, 2014

असर हुआ बेअसर Innocent Pages of Love

असर हुआ बेअसर
वक़्त के आख़िरी पन्नों तक आते आते
हर पन्ने की महक
मुझसे बोली एक ही बात शरमाते शरमाते
बड़े करीने से सजाया था
शायर ने हर लफ्ज़ कोरे कागज़ पर
जब स्याही हुई थी खत्म
तब लिखी थी वो नज़्म आंसुओं का सहारा लेकर
कई बार जला था वो
उस असर की तपिश में भीगकर
हम थे गोया कोरे कागज़
क्या कर सकते थे सिर्फ मेहक कर
उसके लफ़्ज़ों का नमकपन
आज भी असरदार है हर शख्स में
वो तो अब फ़ना हुआ इस वजह
पर जिंदा है मेरे हर अक्स में

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© Snehil Srivastava

Thursday, October 30, 2014

संजीदे सवाल Innocent Innocence

मुझसे किसी ने वजह पूछी
मेरी संजीदगी की
मुस्कुराहट थी पास मेरे
उस संजीदे सवाल के जवाब में
उसने फिर पूछा
ये आखिर खोना क्या होता है?
मेरा जवाब था
मासूमियत का ना होना ही खोना होता है

उसके सवालों का सिलसिला जारी रहा, बोला उसने
तो फिर प्यार का अर्थ है क्या?
अब ना मुस्कुरा पाया मैं
जवाब में बस चुप ही रहा
उससे अब रहा ना गया, तुनकते हुए कहा
बड़ा गुमान है तुम्हें खुद पर?
मैं बोला ये गुमान नहीं
मासूमियत खोने पर आई संजीदगी का है थोड़ा सा असर

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© Snehil Srivastava

अंत की ख़ुशी Happy Ending

तुम ना होते
तो ये ज़िन्दगी भी ना होती
हाँ सफ़र तो ज़रूर होता
तुम सी हंसी ना होती
कई बार मैंने सोचा
बेहतरी है इसी में
ज़ाहिर किया होता खुद को
तो सांसें यूँ रुकी भी ना होती

बेख़बर था मैं
अपने अंजाम-ए-सुकून से
इस कायनात की थी साजिश
वरना मुझसे ऐसी बेरुखी ही ना होती
बात ही कुछ और थी
तेरे साथ की भी, तेरे बाद की भी
जिन्दगी तो सभी ने जी है आखिर
पर मेरे मरने की खुशी किसी को ना होती

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© Snehil Srivastava

Wednesday, October 29, 2014

Lovely Scars


If I'm wrong, I'm wrong. And if I'm right- world is wrong. I don't care.
When I was lying on that white metal bed in room number 307, city hospital, thinking how in this world I didn't die while I tried hard not to fail that time, I realized even God didn't need me. And suddenly I started laughing. I need myself- I said deep into my heart.
Today, I love these scars on my wrist. They look so beautiful. How wrong I was at that time for the silliest reasons that matter nothing now. I know that God always loved me that’s why He kept me alive. My eyes dwell up this time and a warm teardrop is rolling towards my heart saying that life is a goon. I don't care what world thinks about me or if they are right, they are wrong, what I care about is the love that God had blessed me with to spread to the world.
"Every page has a story, every word has true emotions"- she said to herself. "Why I missed all of it when he was going through the hell me rather why I ignored him?" She sighed. Silence.


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© Snehil Srivastava

Tuesday, October 28, 2014

शून्य-मानवता Impractical Practicality


मैं ढूंढ रहा हूँ इसे
पिछले कई दिनों से
अँधेरी रातों में
पथरीले रास्तों पर
सूख चुके पेड़ों में
मुरझा चुकी कलियों में
और कभी आसमान से गिरती
पानी की बूंदों में
मृत पंछियों के चहकने के
आभास में
कुचले गये जानवरों की
कातर आवाज़ में
सीमा पर मारे गये
सैनिक की माँ की नम आँखों में
भूख से तड़पते बच्चे की
चलती रूकती सांसों में
अधूरे सपनों में
कुछ पराये कुछ अपनों में
मैं ढूंढ रहा हूँ इसे
पिछले कई दिनों से
पर शायद,
मेरी संवेदना मर चुकी है



Picture Credit: www.nationofchange.org
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Friday, October 24, 2014

मुझे तुम पसंद हो I, See You

मुझे तुम पसंद हो
तुम्हे सोचने भर से सुकून मिलता है
लेटते ही नींद की गोद थपकी देती है
ये चारों ओर की खुशबू गर्म दोपहरी में
सूखे गले को तरावट देने वाली पानी सी है
जिसका ठण्डापन अकेले ही नाव पर बैठे
बस कहीं जाने वाले नाविक की तरह
नरम पानी से उसके प्रेम को दर्शाता है
वो इस प्रेम पाश में बंधकर भी मुस्कुराता है
अब तो बस कहीं खोने को दिल करता है
तुम्हारे या हो सके तो तुम्हारे एहसास के साथ
ये जो सफ़ेद पर्वत हैं, मुझे बुलाते हैं
इनकी आवाजें गूंजती हैं मेरे कानो में
और ये सर्द हवा मुझे खुद में समा लेना चाहती है
कि जैसे मेरी अरदास पूरी हो गयी हो
आंखें बंद किये इतना कुछ देखा है मैंने
अब इन्हें मूंदे रहने में ही सुकून है
लेकिन, मुझे तुम पसंद हो

Picture Credit: www.pageresource.com

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Tuesday, October 21, 2014

राख की आवाज़ Innocent Ashes

तुम्हारे ही इंतज़ार में, तुम्हारे लिए, तुम्हीं से सीखकर- प्रिये..'बारिश'.. .. ..

जब जलन होती है हृदय में
और तमस का साथ
ना कोई स्नेह है काम आता
ना स्वयं पर हो विश्वास
गंगा की छाती सूख जाती
परछाईयों के समरूप से
पुष्प पल्लव मुर्छित हुए हैं
रज में मिले, बिन धुप के

इस राख की आवाज़ सुनकर

मुझमें भरा विक्षोभ है
सब ने मिलकर इसको जलाया
कैसा ये सबका लोभ है
काश हो जाती एक बारिश
सारी अग्नि नीर होती
मुस्कुरा उठती धरा तब
ना फिर कभी अधीर होती

Picture Credit: www.bfamm.com
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© Snehil Srivastava

Monday, October 20, 2014

किसी को... Love is a beautiful dream


किसी को हंसना सिखाते सिखाते
खुद की हंसी भूल गये
किसी की यादों की तासीर तो देखो
अपनी हर वजह भूल गये
किसी को बड़ी दुआओं से पाया था
ना जाने वो क्यों रूठ गये
किसी को बाँहों में देखा था मैंने
वो सारे ख़्वाब टूट गये
ख़्वाब तो फिर बुन जायेंगे
वो फिर से मेरी हंसी में समायेंगे
किसी की हंसी कितनी अनमोल है
वो दूर रहकर भी समझ जायेंगे
किसी को उनके किये वादों की कसम
किसी को दोस्ती के उन इरादों की कसम
अब आना ही होगा किसी को करीब मेरे
किसी के सिखाये जज़्बातों की कसम


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© Snehil Srivastava

Thursday, October 16, 2014

Destiny- The Soul




Dedicated to the destiny..I call her 'barish'.

I have a very rare quality. When I am into a conversation specially with you I can remember everything to the word. I can even recall your gestures, your expressions, your smile, your anger- every emotion of yours.
That day when I forgot to wish you the best ever day of my life- your birthday (you actually thought that I forgot), and you scolded me like anything, I was like what had happened to you, why you doing this to me and making me cry. But later when I recalled all said by you, I realized that you are my destiny to the new world of love, hope, compassion and happiness. You are the one who will allow me to reach there, far away from the lonely castle that had captured me since ages and had chained me to the darkest past of disgrace.
Yes, I am getting old. But when you said it, I just laughed. And you said many more things to me, for me, of me. You asked me nothing on your precious day but you wanted me to be happy. You wanted things for me. And I could give you my soul only. Sounds boring, right? Let it be. Calm down. You need not to say a word. I want nothing in return. I have your memories. And I am smiling.
She is left with his last smile. He was so happy that he was dying with her love for him.
He smiled. She cried. He smiled that he got her. She cried that she lost him.
Destiny.


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© Snehil Srivastava

Monday, October 13, 2014

कुछ तो असर है
Innocent Promises

ठंडक की दस्तक देती पहली 'बारिश' के नाम-
कुछ तो असर है
बस यूँ ही तेरा मिलना इत्तेफ़ाक ना था
तेरे दिल सा हो, ऐसा कोई पाक़ साफ ना था
पाकीज़गी इस कदर समायी थी तुझमें
मुझसे रुखसत होने में तेरा कोई जवाब ना था
जब हम थे मिले पहली बार उन लफ़्ज़ों के जानिब
तुमसे कहा था मैंने वो सब, तुम हुए थे मुझसे वाकिफ़
मेरी तनहाई से तुमने भी तो दोस्ती कर ली थी
जिसे निभाने का वादा किया था तुमने मेरी ख़ातिर
कुछ तो असर है
जो अब तुझे मेरी फ़िक्र तक नहीं
इश्क़ से हुई कुछ खता कि तुझपर मेरा असर तक नहीं
वो सब कहना एक वजह थी मेरा हमराज़ होने की
वरना मुझे जो डुबो दे ऐसी कोई लहर तक नहीं
अब सूनापन सा है मेरी लिखी हर नज़्म में
चुपचाप ही रहता हूँ दुनिया के हर जश्न में
तुझसे मिलने का इत्तेफ़ाक, ग़र हो इत्तेफ़ाक से
निभाऊंगा हर वो वादा तुझसे इसी जनम में

Picture credit: www.drtimothyryan.com
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Sunday, October 12, 2014

तेरा अक्स मेरा सच Innocent Reflection

क्या होता होगा
जब तेरा खुद से सामना होता होगा
बेशक़ तू क़यामत लगती होगी आईने में
पर तेरे भीतर का सच तो तुझे भी दिखता होगा
याद है वो वक़्त जब तूने मुझे नज़रंदाज़ किया था
मेरे हर लफ्ज़ को अनसुना साबित किया था
मेरी ही खता थी कि मैंने तुझे खुदा समझा था
तूने तो मुझे जीते जी ही मार दिया था
अब मुझे गम नहीं
कि तुझ जैसी खूबसूरती मेरा सनम नहीं
बेशक़ तू औरों के लिए जन्नत-ए-हूर होगी
पर मैं खुश हूँ, मेरे दिल में तुझसा कालापन नहीं
याद रखना या भूल ही जाना, मेरी मोहब्बत को
हुई जो भी खता मुझसे, अब मुझे तुम माफ़ करो
खुदा समझना मेरी खता थी ये मैं मान नहीं सकता
अगर कहीं है तो खुदा अब तुम ही इंसाफ करो

Picture credit: www.omgrey.wordpress.com
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© Snehil Srivastava

Saturday, October 11, 2014

बस प्रतिमान बदल गये हैं My Love Is Changed


यदि अब मैं तुम्हे
नभ की तारिका नहीं कहता
या कली वगैरह
अर्थ ये नहीं
कि मेरा प्यार झूठा है
बल्कि प्रतिमान बदल गये हैं

अधरों की कान्ति
जब मध्धम मध्धम सी है
जिन पर मेरे गीत
मुस्कुरा उठते थे
तुम्हारे बदन की
आड़ी तिरछी सी रेखाएं
जो मेरे शब्दों से भी अधिक
सुकोमल हुआ करती थीं
प्रिये, मुझे तुम्हारे हृदय से
आज भी उतना ही प्यार है
अर्थ ये नहीं
कि मेरा प्यार झूठा है
बल्कि प्रतिमान बदल गये हैं

तुम्हारे शब्दों में
अभी भी उतनी ही कोमलता है
जो मेरे हृदय को
असीम शांति का एहसास कराते हैं
और तुम्हारी छुअन की गर्माहट
बारिश में
कंपा देने वाली ठण्ड से
मुक्त करती है
मेरा विश्वास करो प्रिये
"मैं अकेला जरुर हूँ पर आज भी वही हूँ"
अर्थ ये नहीं
कि मेरा प्यार झूठा है
बल्कि प्रतिमान बदल गये हैं

Picture credit: www.abstract.desktopnexus.com

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Wednesday, October 8, 2014

ओ मन के प्रहरी O' little hope


ओ मन के प्रहरी
तुम इतने अशांत क्यों हो
मुझसे कहो
मैं हूँ तुम्हारे सबसे करीब
हर झकझोड़ देने वाले स्वप्न में
तुम्हीं ने दिया है मेरा साथ सदा
तुम्हीं से तो कही है मैंने
अपने मन की सारी व्यथा
आज तुम दीप्तिमान ना भी हुए
तो मैं करूँगा तुम्हें प्रदीप्त
तुम्हारे भीतर की सौम्यता से
अपरिचित नहीं है मेरा अतीत
उस उजली किरण से पूछना कभी,
जो बस लौट आयी थी
तुम्हारे एक शब्द पर,
कि तुम्ही से सीखी है संवेदना मैंने
बादलों संग अठखेलियाँ कर
निकल जाते थे लेकर दूर मुझे
हमारी बातों का सार
तुम ही होते हो
पर मुझे तुम्हारा यूँ अशांत रहना
भावुक कर देता है
जिसने मुझे हर क्षण शक्ति दी
वो भला अब चुप क्यूँ रहता है
तुम्ही मेरी अंतिम सफलता
तुम्ही हो अडिग आधार
हृदय मेरा है बींध जाता
जब भी है होता तुम पर प्रहार
सच कहूँ तो
तुम्ही मेरी प्रेरणा रहे हो
ओ मन के प्रहरी
पर तुम इतने अशांत क्यों हो



Picture credit: www.simplyheavenlyfood.com

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Monday, October 6, 2014

Musical smile



"How can a sound be so beautiful that it covers all the dirt imposed over me. It is when you laugh. The sound tells me that there is so much happiness in my small world of trauma over the years and I can again reach my childhood days.
You are little naive that you find me staring at you without a reason. The reason itself is playing curvy games on your fine rosy lips.
I am ready to be a joker throughout my life if you promise to give me this beautiful sound till eternity.
Deal?
Deal!"
Let's be friends again.
They never met after days. But the deal is still on even after his demise. Spreading happiness is all she knows now.
'Beautiful smile' is the name of the orphanage she runs to keep her promise alive.

Picture credit: www.ourstate.com

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© Snehil Srivastava

A tale of smiling fight


"These clouds of confusion have filled my heart with your kissing smile.
You fight with me.
And you respect every tiny thought of mine, as in last few days you and I haven't spoken a single word and you never initiated. Respect?
I don't like you for this. Huhh!
But I ..........."

"I have a say now, I wish you could see me writing about your smile.
You won't be impressed, I am damn sure but you could see that I look cute thinking about you.
I am so tired deep into my heart but I don't wanna sleep.
I don't want skip thinking you and your loving fights.
I like myself smiling sometimes but when you smile I become compassionate.
Let's initiate. See, I have initiated.
Suggest me some topic at least."


Both were happy not together. Destiny wanted them to be together though. Something made them apart. Something cruel. Something inhumane. Death!

Picture credit: www.twistales.com

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Saturday, October 4, 2014

मोक्ष, इस बार Moksha

बहुत देर कर दी
तुमने इस बार
इस सूखे पेड़ से पूछा
तो खरखराती सी हंसी में बोला-
ठण्ड तो आज भी लगती है
गहरे गहरे तक
उन हरी पत्तियों का साथ
गरमाहट देता था लेकिन
अब ज़रूरत ही नहीं
किसी साथ की
हाँ बारिश का यूँ भिगो देना
भाता जरुर है
कोपलों का फूटना
मृत हृदय को
सहलाता तो जरुर है
पर कब तक।
आखिर ये बारिश
नम ही तो करती हैं
कोफ़्त होती है इस नमी से
कई बार
सुना था मैंने कहीं
कि सूखे पेड़ काट दिए जाते हैं
फिर उन्हें जलाया जाता है
इस तपन से बहुत सी सिहरनें
मिट जाया करती हैं
देर तो ज़रूर हुई लेकिन
इस पेड़ की मृत्यु
सार्थकता रुपी मोक्ष से जा मिली
अब लगता है
देर नहीं की
तुमने इस बार

Picture credit: www.boloji.com

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© Snehil Srivastava

Thursday, October 2, 2014

बस इतनी सी जिद है मेरी Stubborn love

Dedicated to someone whom I miss day everyday.
Who else other than you, silly 'Barish'

सच कहूँ तुमसे
एक जिद है मेरी
तुम कहो खुद की बात
मैं सुनूँ तुम्हें सारी रात
तुम रुको ना एक पल को भी
भिगोती रहे हमें बरसात
तुम मेरा अभिमान बन जाओ
इस जीवन को खुशियों से सजाओ
मेरी पूर्णता तुमसे हो
तुम मेरी अर्धांगिनी कहलाओ

सच कहूँ तुमसे
एक जिद है मेरी
तुम्हारे नाम में हो बारिश सा एहसास
जब कोई ना दे साथ तुम हो मेरे पास
मुझे छूकर बस एक बार कह दो
तुम्हीं तो हो मेरा आत्मविश्वास
मुझमें तुम सी सुन्दर सोच हो
मेरी हर बात में तुम्हारी ही ओट हो
तुम्हे सोचने भर से खुशियाँ मिल जायें
जैसे कानों में घुलता मधुर संगीत हो
सच कहूँ तुमसे
बस इतनी सी जिद है मेरी

Picture credit: Stubborn love by 'baileyclaire', www.wattpad.com

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© Snehil Srivastava