पैसों से सब कुछ खरीदा जा सकता है?
कभी जीने की वस्तुएं
कभी सहूलियत
और कभी मन का आराम
पैसों से मनुष्य कभी नहीं थकता है
कि करनी है उसे उन्नति
पानी है उसे ख़ुशी
हर रात, हर सुबह, हर शाम
वो जो चित्रकार है, कहता है--
जिसने दुनिया को बनाया है
योग्य जीने के
जीकर, फिर मर जाने के
"कभी ना रुको, कभी ना थको, करते रहो काम"
मनुष्य के काम
हर शाम
नहीं देते उसे आराम
चाहिए उसे-
जीने को प्यार,
थोड़ा सा दुलार
उन्नति आज की
ख़ुशी हर साथ की
परन्तु,
ये आत्मज्ञान इतना दूर है
कि आँखें बंद हैं
दिख रही है
एक संतुष्टि
और
हाथों में कुछ पैसे लिए,
रोते हुए
एक बच्चा|
पैसो से सब कुछ नहीं खरीदा जा सकता!!
mind blowing bhai........
ReplyDeleteThank you sweet didu, God bless you always...
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