Path to humanity

Path to humanity
We cannot despair of humanity, since we ourselves are human beings. (Albert Einstein)

Saturday, September 26, 2015

सही-गलत
Right or Wrong

गलत, गलत है
कभी सही नहीं हो सकता
चन्दन, सैकड़ों सर्पों के लिपटे होने पर भी
अपनी महक, अपनी शीतलता नहीं खो सकता
हाँ मैंने कुछ गलत सही होते हुए देखे हैं
हाँ मैंने कुछ सजीव सपने मरते हुए भी देखे हैं
कुछ तो वजह रही होगी उनकी इन दशाओं की
नियति बिना तो एक सूखा पत्ता भी नहीं सो सकता

सही, सही है
कभी गलत नहीं हो सकता
ये जीवन सागर एक रंगमंच है
मृत्यु बिना पूरा नहीं हो सकता
किरदार बहुत हैं यहाँ निभाने के लिए
कुछ तो खोने के लिए और कुछ पाने के लिए
कुछ तो वजह जरूर छिपी होगी कहीं, इन्हें खोने की फिर पाने की
कोई सब कुछ हरदम यहाँ यूँ संजो नहीं सकता

-Snehil Srivastava
Picture credit: Unknown
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© Snehil Srivastava

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