अब ख़ुशी आई, बिना बादलों के
बादल तो आते जाते हैं
पर शायद ये ख़ुशी रुकेगी
ख़ुशी के साथ कुछ शब्द हैं
माँ के, पिता के और तुम्हारे
ये शब्द हे तो ख़ुशी के हैं...मेरे !!
नहीं रही ये कविता अधूरी
हो चुकी ये अब पूरी
क्यूंकि खुश हूँ
तुमसे, खुद से और....सबसे...!!!
kya baat hai kavita ke sath ka ye pic bahut kuch kah gya..khud ek kavita sa laga
ReplyDeleteacha likhte hai aap ahsaasoin ko
sakhi
thank you so much..!!
ReplyDelete