Path to humanity

Path to humanity
We cannot despair of humanity, since we ourselves are human beings. (Albert Einstein)

Sunday, January 17, 2010

"अनुभूति होती है..."


जिसकी अनुभूति होती है वो तुम हो
जिसकी याद आती है तुम वो हो
जब तुम नहीं होती तुम्हे छूता हूँ
तपन में शीतल छुअन तुम वो हो
   जब तुम नहीं होती तुम्हे देखता हूँ
   रात का उजाला तुम वो हो
   तुम मन हो सरल जीवन हो
   मौन करुणा का दर्पण तुम वो हो...

2 comments:

  1. hmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmm

    tum ho to jeevan hai..jeevan hai to me hun..hai na ais ahi ahsaas bhara laga..

    sunder bhav

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