Path to humanity

Path to humanity
We cannot despair of humanity, since we ourselves are human beings. (Albert Einstein)

Thursday, December 31, 2015

वास्तविकता
Real reality

वास्तविकता ये है कि असत्य को सत्य
और सत्य को असत्य कहा जाता है
जो पकड़ा जाये वही चोर
और असली चोर बड़ा महात्मा समझा जाता है
तिजोरियों का सोना रखे रखे यूँ ही सड़ जाता है
और भूखा, भूख से तड़प तड़पकर मर जाता है
कहने को तो नेता सारे जनता ने चुने होते हैं
बाद में उस जनता को कौन कहाँ पहचानता है

जिसके पास है रुपया पैसा वो ही तो है कर्ता धर्ता
बाकियों के कर्म बस ईश्वर ही जानता है
खेतों को खून से सींचे किसान मरे हर रोज यहाँ पर
वो मरे तो मर जाने दो मेरा पेट तो भर जाता है
एक बार तो सच जानो सबकी बारी आती है
किसने यहाँ अमृत पिया है, हर कोई मर जाता है
चाहे जितना लूट लो तुम सब, पर अदना इंसान बेचारा
खाली हाथ ही आता है और खाली हाथ ही जाता है


-Snehil Srivastava
Picture credit: www.vividlife.me
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© Snehil Srivastava

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